The Definitive Guide to Shodashi
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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
The essence of these rituals lies during the purity of intention plus the depth of devotion. It's not necessarily basically the external steps but The inner surrender and prayer that invoke the divine existence of Tripura Sundari.
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
Day: On any thirty day period, eighth working day of your fortnight, comprehensive moon working day and ninth working day on the fortnight are stated to become good times. Fridays also are Similarly fantastic times.
The Mantra, Alternatively, is actually a sonic illustration on the Goddess, encapsulating her essence by sacred syllables. Reciting her Mantra is thought to invoke her divine presence and bestow blessings.
For people nearing the pinnacle of spiritual realization, the final stage is referred to as a state of entire unity with Shiva. Listed here, personal consciousness dissolves to the common, transcending all dualities and distinctions, marking the fruits of the spiritual odyssey.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश more info करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
श्रींमन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi
Lalita Jayanti, a substantial Pageant in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship gatherings like darshans and jagratas.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।